सत्य और असत्य के मिश्रण वाली भाषा न बोले 05/02/2017

आगम मंजूषा
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  भगवान महावीर  

प्रज्ञावान पुरुष असत्यामृषा (सत्य और असत्य के मिश्रण वाली ) भाषा न बोले और वह सत्य भाषा बोले जो अनवघ, मृदु,संदेह रहित और विचारपूर्ण हो |

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