मन ऐसा रखो कि
किसी को बुरा न लगे।
दिल ऐसा रखो कि
किसी को दुःखी न करें।
रिश्ता ऐसा रखो कि
उसका अंत न हो
कोई भी व्यक्ति हमारा मित्र या शत्रु बनकर संसार में नही आता.. हमारा व्यवहार और शब्द ही लोगो को मित्र और शत्रु बनाते है.
*सुबह का मीठा मीठा नमस्कार*