हमने तो सिर्फ रेत में उंगलियाँ घुमाई थी

आँखों में आंसुओं की लकीर बन गयी,
जैसी चाहिए थी वैसी तकदीर बन गयी,
हमने तो सिर्फ रेत में उंगलियाँ घुमाई थी,
गौर से देखा तो आपकी तस्वीर बन गयी।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.