मैं चश्मा लगाकर पढ़ सकूंगा न?

रामलाल (डॉक्टर से)- डॉक्टर साहब! मैं चश्मा लगाकर पढ़ सकूंगा न?

डॉक्टर (रामलाल से)- हां.. हां.. बील्कुल।

रामलाल- तो फीर ठीक है वरना अनपढ़ आदमी की जीन्दगी भी कोई जीन्दगी है।

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