फ़िज़ा की महकती शाम हो तुम,
प्यार में छलकता जाम हो तुम, सीने में छुपाये फिरता हूँ यादें तुम्हारी, इसलिए मेरी ज़िन्दगी का दूसरा नाम हो तुम! |
फ़िज़ा की महकती शाम हो तुम
1/18/2017 02:34:00 am
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फ़िज़ा की महकती शाम हो तुम,
प्यार में छलकता जाम हो तुम, सीने में छुपाये फिरता हूँ यादें तुम्हारी, इसलिए मेरी ज़िन्दगी का दूसरा नाम हो तुम! |
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