(1) रमन ने डॉक्टर को बहुत मारा। क्लिनिक में बैठे लोगों ने उससे पूछा- तुमने डॉक्टर को क्यों मारा...?.
रमन बोला- ये डॉक्टर बिल्कुल पागल है, इतनी गर्मी में कहता है कि पानी उबालकर पिया करो।
(2) एक बार चमन किचन में खाना बना रहा था।
रमन बोला- ये डॉक्टर बिल्कुल पागल है, इतनी गर्मी में कहता है कि पानी उबालकर पिया करो।
(2) एक बार चमन किचन में खाना बना रहा था।
उसने पत्नी से पूछा- नमक किधर है?
पत्नी- घर में नमक नहीं है।
चमन- तो दाल में क्या डालूँ?
पत्नी मुस्कुराकर बोली- कोलगेट डाल दो, उसमें नमक है।
पत्नी- घर में नमक नहीं है।
चमन- तो दाल में क्या डालूँ?
पत्नी मुस्कुराकर बोली- कोलगेट डाल दो, उसमें नमक है।
(3) रमन मंदिर में जाकर भगवान के सामने हाथ जोड़ कर प्रार्थना कर रहा था, हे भगवान, पंजाब की राजधानी दिल्ली को बना दो। तभी वहाँ एक पुजारी आया।
पुजारी- भाई तुम्हें पंजाब की राजधानी से क्या कष्ट है।
पुजारी- भाई तुम्हें पंजाब की राजधानी से क्या कष्ट है।
तुम ऐसा भगवान से क्यों माँग रहे हो?
रमन- क्योंकि मैंने एक्जाम में पंजाब की राजधानी दिल्ली लिख दी है।
(4) चमन- यार, मैंने अदालत में एक याचिका लगाई है।
रमन- क्यों क्या हो गया?
रमन- मेरा पड़ोसी फाँसी लगाते हुए पकड़ा गया। अगर मैं न पहुँचाता तो वह जुर्म कर बैठता। इसलिए मैंने अदालत से रिक्वेस्ट किया कि आत्महत्या करना संगीन जुर्म है। इसके लिए मुजरिम को कम से कम फाँसी की सजा दी जानी चाहिए, ताकि आइंदा कोई भी व्यक्ति सुसाइड जैसा जुर्म करने से पहले 100 बार सोचे।
(5) दावत में गए डॉक्टर साहब किसी वकील से बातचीत कर रहे थे। आते-जाते लोग डॉक्टर साहब को देखकर रुकते और उनसे स्वास्थ्य निदान के बारे में पूछते। परेशान डॉक्टर ने मुफ्त में इलाज चाहने वाले लोगों पर नाराज होते हुए वकील से पूछा- कार्यालय के बाहर सलाह लेने से वे लोगों को कैसे रोकते हैं?
वकील बोले- सलाह दे देता हूँ। हाँ बाद में बिल जरूर भेज देता हूँ।
सोच में डूबे डॉक्टर को यह तरीका कम अच्छा लगा लेकिन उस पर अमल करते हुए उन्होंने लिस्ट बनाई और चपरासी को देने के लिए आवाज दी।
इतने में हाथ में लिफाफा लिए चपरासी अंदर आया और बोला- इसमें वकील साहब ने कल की सलाह के लिए बिल भेजा है।
रमन- क्योंकि मैंने एक्जाम में पंजाब की राजधानी दिल्ली लिख दी है।
(4) चमन- यार, मैंने अदालत में एक याचिका लगाई है।
रमन- क्यों क्या हो गया?
रमन- मेरा पड़ोसी फाँसी लगाते हुए पकड़ा गया। अगर मैं न पहुँचाता तो वह जुर्म कर बैठता। इसलिए मैंने अदालत से रिक्वेस्ट किया कि आत्महत्या करना संगीन जुर्म है। इसके लिए मुजरिम को कम से कम फाँसी की सजा दी जानी चाहिए, ताकि आइंदा कोई भी व्यक्ति सुसाइड जैसा जुर्म करने से पहले 100 बार सोचे।
(5) दावत में गए डॉक्टर साहब किसी वकील से बातचीत कर रहे थे। आते-जाते लोग डॉक्टर साहब को देखकर रुकते और उनसे स्वास्थ्य निदान के बारे में पूछते। परेशान डॉक्टर ने मुफ्त में इलाज चाहने वाले लोगों पर नाराज होते हुए वकील से पूछा- कार्यालय के बाहर सलाह लेने से वे लोगों को कैसे रोकते हैं?
वकील बोले- सलाह दे देता हूँ। हाँ बाद में बिल जरूर भेज देता हूँ।
सोच में डूबे डॉक्टर को यह तरीका कम अच्छा लगा लेकिन उस पर अमल करते हुए उन्होंने लिस्ट बनाई और चपरासी को देने के लिए आवाज दी।
इतने में हाथ में लिफाफा लिए चपरासी अंदर आया और बोला- इसमें वकील साहब ने कल की सलाह के लिए बिल भेजा है।