दिल की बात लबों पर लाकर अब तक हम दुःख सहते हैं,
हम ने सुना था इस बस्ती में दिल वाले भी रहते हैं,
बीत गया सावन का महीना मौसम ने नज़रें बदलीं,
लेकिन इन प्यासी आँखों से अब तक आँसू बहते हैं।
Prakash modi
1/18/2017 12:48:00 am
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