HomeAshq Shayariउसे भी आदत हो गयी है आज़माने की उसे भी आदत हो गयी है आज़माने की Prakash modi 1/18/2017 12:47:00 am 0 कौन रोकेगा अब इन बहती हुई आँखों को, क्योंकि रुलाना तो पुरानी आदत है ज़माने की, एक ही शख्स था जो थाम लेता था हमको, पर अब उसे भी आदत हो गयी है आज़माने की। Tags Ashq Shayari Newer Older