इल्ज़ाम जमाने के... Hindi Poems

इल्ज़ाम जमाने के हम तो हँस के सहेंगे
खामोश रहे हैं ये लब खामोश रहेंगे

तुमने शुरू किया तमाम तुम ही करोगे
हम दिल का मामला ना सरेआम करेंगे

हम बदमिज़ाज ही सही दिल के बुरे नहीं
दिल के बुरे हैं जो हमें बदनाम करेंगे

बदनाम करके हमको बड़ा काम करोगे
शायद जहां में ऊँचा अपना नाम करोगे

हर दम पेजितूउन्हें तो नाम चाहिए
अच्छे से ना मिला तो बुरा काम करेंगे

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