HomeHusn Shayariहम भटकते रहे थे अनजान राहों में हम भटकते रहे थे अनजान राहों में Prakash modi 1/20/2017 01:35:00 am 0 हम भटकते रहे थे अनजान राहों में, रात दिन काट रहे थे यूँ ही बस आहों में, अब तम्मना हुई है फिर से जीने की हमें, कुछ तो बात है सनम तेरी इस निगाहों में। Tags Husn Shayari Newer Older