ज़िक्र हुआ जब खुदा की....

ज़िक्र हुआ जब खुदा की रहमतों का,
हमने खुद को खुशनसीब पाया,
तमन्ना थी एक प्यारे से दोस्त की,
खुदा खुद दोस्त बनकर चला आया।

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